यूक्रेन लौटी स्टूडेंट की आपबीती: यूनिवर्सिटी से बाहर जाने पर पाबंदी 72 घंटे यूक्रेन में काटने हो गए थे मुश्किल

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गुड़गांव2 घंटे पहले

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फर्रुखनगर की निधि

  • 23 फरवरी को परिवार के मना करने पर भी गई थी यूक्रेन
  • मैं भी जाना नहीं चाहती थी, लेकिन वहां जाए बिना एडमिशन प्रोसेस पूरा नहीं पाता।

गुड़गांव फर्रुखनगर की निधि ने हाल ही में बुकोवेनियन स्टेटमेडिकल यूनिवर्सिटी (यूक्रेन) में एडमिशनलिया है। बकौल निधि- 23 फरवरी को परिजनों के मना करने के बावजूद भी मैं यूक्रेन चली गई थी। मैं भी जाना नहीं चाहती थी, लेकिन वहां जाए बिना एडमिशन प्रोसेस पूरा नहीं पाता। ऐसे में मैं यूक्रेन स्थित अपनी यूनिवर्सिटी में 24 फरवरी की सुबह पहुंची तो कीव पर रूस ने हमला कर दिया था।

यूनिवर्सिटी पहुंचकर पछतावाहुआ, लेकिन यूनिवर्सिटी की ओर से पूरा सहयोग मिला और दो दिन में ही एडमिशन प्रोसेसपूरा कर दिया। लेकिन 25 फरवरी की शाम को ही यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स के बाहरजाने पर पाबंदी लगा दी। खाना भी खुद बनाकरखाना पड़ा। लेकिन 26 फरवरी को भारतीय दूतावास की ओर से फ्लाइट की सूचना मिल गई और कुछ ही घंटे में रोमानिया तक बस से पहुंची और फिर फ्लाइट से रविवार सुबह 4 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गई। स्वदेश पहुंचने पर स्टूडेंट्स में खुशी थी, लेकिन अभी भी अपने दूसरे साथियों को लेकर चिंता हो रही है। रविवार को दूसरे स्टूडेंट्स को हॉस्टल में बंद कर दिया गया है। वहां से लगातार फोन आ रहे हैं कि उनके देश लौटनेके लिए सरकार क्या कर ही है। लेकिन स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। खाने के लिएसामान खत्म हो गया है और अब उन्हें बंकर में बैठाया गया है। एक फ्रेंड तीन दिन पहले कीव शहर गई थी, उसी ने हमले की जानकारी दी थी। इसके बाद वहां रुकना मुश्किल हो गया था। सभी स्टूडेंट्स डर के साये में रह रहे हैं।

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