चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(Farmers Demand Justice as They Defy Barriers on the Punjab-Haryana Border) पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पिछले 9 महीने से धरना दे रहे किसानों का दिल्ली कूच शुरू हो गया है। 101 किसान पैदल अंबाला की तरफ बढ़ते हुए दो बैरिकेड पार कर चुके हैं। ये किसान MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य), कर्जमाफी और पेंशन जैसी मांगों को लेकर 13 फरवरी से धरना दे रहे हैं, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें मार्च करने की इजाजत नहीं दी है।
किसान नेता सरवन पंधेर ने बताया कि किसानों को आंसू गैस के गोले से बचाने के लिए नमक दिया गया है, ताकि अगर उन पर गैस छोड़ी जाए तो सांस लेने में दिक्कत न हो।
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संसद में भी इस मुद्दे पर सांसदों ने किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया है। कांग्रेस सांसद दीपेंदर हुड्डा ने कहा, “वादा पूरा नहीं होने के बाद किसान शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। हम मांग करते हैं कि सरकार तुरंत किसानों से बात करे।”
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इस बीच, हरियाणा की गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर से सटे अंबाला के 11 गांवों में इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया है, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। किसानों का ये आंदोलन केवल कृषि नीतियों का विरोध नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन और आजीविका के लिए एक संघर्ष बन चुका है।