पंजाब में लगी नई पाबन्दी,जाने रोजाना 7 बजे के बाद क्या जारी हुए आदेश।

चंडीगढ़। राजवीर दीक्षित
(Punjab Imposes Night Ban on Wheat Harvesting)पंजाब में गेहूं की कटाई और खरीद प्रक्रिया जोरों पर है, लेकिन राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को सुचारू और प्रभावी बनाने के लिए नए प्रतिबंध लागू किए हैं। स्थानीय प्रशासन ने घोषणा की है कि शाम 7 बजे से सुबह 10 बजे तक कंबाइन हार्वेस्टर से गेहूं की कटाई पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

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फरीदकोट में कड़ी निगरानी
फरीदकोट की जिला मजिस्ट्रेट पूनमदीप कौर ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत विशेष आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के अनुसार, जिले में हार्वेस्टर कंबाइन केवल सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक ही चलाए जा सकेंगे। इस प्रतिबंध का उद्देश्य नमी की अधिकता को रोकना और अनाज की गुणवत्ता बनाए रखना है।

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हर अनाज मंडी, स्थायी और अस्थायी बाजारों में आढ़तियों और मंडी बोर्ड को सरकार और कृषि विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।

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क्यों लगाई गई यह पाबंदी?
रात में हार्वेस्टर चलाने से ओस की नमी के कारण गेहूं की फसल गीली हो जाती है, जिससे उसकी नमी तय मानकों से अधिक हो जाती है। इससे किसानों को फसल बेचने में कठिनाई होती है और ट्रैफिक व कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं।

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इस आदेश को लागू कराने की जिम्मेदारी सीनियर पुलिस कप्तान फरीदकोट, उप-मंडल मजिस्ट्रेट और मुख्य कृषि अधिकारी को सौंपी गई है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह पाबंदी 25 मई 2025 तक लागू रहेगी।

जालंधर में भी लागू हुए कड़े नियम
जालंधर जिले में भी एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ए.डी.एम.) अपर्णा एम.बी. ने वायु प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम 1981 की धारा 19 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत आदेश जारी किए हैं।

इसके तहत, जालंधर ग्रामीण जिले में शाम 7 बजे से सुबह 8 बजे तक हार्वेस्टर कंबाइन से गेहूं की कटाई पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कटाई के लिए केवल बी.आई.एस. प्रमाणित हार्वेस्टर का ही उपयोग हो। यह आदेश 31 मई 2025 तक प्रभावी रहेगा।

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कृषि क्षेत्र पर प्रभाव

इन नए प्रतिबंधों से जहां एक ओर अनाज की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी, वहीं दूसरी ओर यह किसानों के लिए कुछ चुनौतियां भी ला सकता है। सरकार का कहना है कि ये पाबंदियां किसानों के हित में हैं और उन्हें फसल की बिक्री में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।