चंडीगढ़। राजवीर दीक्षित
(Punjab Implements New Sand Policy: Landowners Can Mine and Sell Sand)पंजाब सरकार ने नई रेत खनन नीति लागू कर दी है, जिससे रेत और बजरी के दामों में गिरावट और सरकारी राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। वित्त मंत्री हरपाल चीमा और खनन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि इस नीति से पारदर्शिता बढ़ेगी और बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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मंत्रिमंडल ने पंजाब राज्य माइनर माइनिंग नीति 2023 में संशोधन को मंजूरी देते हुए रॉयल्टी दरों में भी बदलाव किया है। अब रॉयल्टी को 73 पैसे प्रति घन फुट से बढ़ाकर क्रमशः 1.75 रुपये और 3.20 रुपये प्रति घन फुट कर दिया गया है। हालांकि, सरकार को इससे होने वाली कुल वार्षिक आय का अनुमान अब तक नहीं लगाया गया है।
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ज़मीन मालिकों को मिलेगा खनन का अधिकार
पहले सिर्फ सार्वजनिक और वाणिज्यिक स्थलों से ही रेत ली जा सकती थी, लेकिन अब निजी ज़मीन मालिक भी अपनी ज़मीन में उपलब्ध रेत और बजरी का आकलन कर इसे खुद निकाल और बेच सकेंगे। वे चाहें तो अपनी ज़मीन क्रशर मालिकों को किराए पर भी दे सकते हैं। लेकिन, इस प्रक्रिया से पहले सरकार को रॉयल्टी का भुगतान अनिवार्य होगा।
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इसके अलावा, ज़मीन मालिकों और खनिकों को पहले पर्यावरण विभाग से मंजूरी लेनी होगी। पहले यह मंजूरी सरकार द्वारा ली जाती थी और फिर जगहों की नीलामी की जाती थी। अब यह प्रक्रिया बदल दी गई है, जिससे स्थानीय लोगों को अधिक लाभ मिल सकेगा।
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रेत खनन पर सख्ती और पारदर्शिता
खनन मंत्री गोयल ने कहा कि यह नीति रेत और बजरी के व्यापार पर एकाधिकार को समाप्त करने में मदद करेगी। खेत मालिकों द्वारा निकाली गई बजरी की निगरानी होगी और इसे बिजली बिल से भी जोड़ा जाएगा। इससे अवैध खनन पर भी रोक लगाने में सहायता मिलेगी।
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सरकार के इस फैसले से पंजाब में रेत और बजरी की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है, जिससे आम लोगों को भी राहत मिलेगी।