नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित
(Kailash Gehlot, who was a cabinet minister, resigned from Aam Aadmi Party and his ministerial post) दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने आज आम आदमी पार्टी (AAP) और अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस निर्णय को पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर जब दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। गहलोत ने अपने इस्तीफे के साथ एक पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने पार्टी के भीतर चल रही विवादों और अनपूर्ति वादों का उल्लेख किया।
गहलोत ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि AAP अब लोगों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के बजाय अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं में उलझ गई है। उन्होंने कहा, “हमने दिल्लीवासियों से यमुना नदी को साफ करने का वादा किया था, लेकिन हम इस पर कोई प्रगति नहीं कर सके हैं।” इसके अलावा, उन्होंने पार्टी के भीतर चल रहे “शीशमहल” जैसे विवादों का भी जिक्र किया, जो पार्टी की छवि को धूमिल कर रहे हैं।
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कैलाश गहलोत का इस्तीफा AAP के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है। वे न केवल दिल्ली सरकार के महत्वपूर्ण मंत्री थे, बल्कि पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक माने जाते थे। गहलोत का यह कदम संगठनात्मक और राजनीतिक स्तर पर पार्टी को नुकसान पहुँचा सकता है, खासकर चुनावी समय में।
कैलाश गहलोत आम आदमी पार्टी के शुरुआती सदस्यों में से एक रहे हैं और उन्होंने दिल्ली में पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गहलोत का इस्तीफा केवल व्यक्तिगत कारणों का परिणाम नहीं है, बल्कि यह दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत भी देता है।
उनके इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि AAP को अपने मूल सिद्धांतों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गहलोत आगे किस दिशा में बढ़ते हैं—क्या वे किसी अन्य दल में शामिल होंगे या नई राजनीतिक पारी शुरू करेंगे।