केजरीवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग केस: चुनाव से पहले बड़ा फैसला, गृह मंत्रालय ने ED को दी मंजूरी।

चंडीगढ़/नई दिल्ली । राजवीर दीक्षित

( ED’s Green Light for Kejriwal’s Money Laundering Case Just Weeks Before Delhi Elections) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर शराब घोटाले के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक 20 दिन पहले आई है, जिससे राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं।

यह मामला पिछले साल उस समय उभरा, जब ED ने शराब नीति घोटाले में केजरीवाल के खिलाफ PMLA कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में उन्हें आरोपी बनाया गया था। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने पहले ही 11 जनवरी को ED को केस चलाने की अनुमति दे दी थी।

➡️ हमारे Video चैनल को देखने के लिए इस Line को Click करें, Follow करें व Like करें। आपको Updates मिलते रहेंगे।

AAP का सवाल: चुनाव से पहले मंजूरी क्यों?
आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, “2 साल बाद, और चुनाव के ठीक पहले यह फैसला क्यों लिया गया? यह साफ है कि यह झूठे मामलों के जरिए AAP के नेताओं को बदनाम करने की कोशिश है। लेकिन जनता इन चालों को समझ चुकी है।”

➡️ वारदात से दहला इलाका, सरेआम चली तलवारे, हाकिया, गाड़ी तोड़ी उठा ले गए युवक को।

ED का मामला: पर्याप्त सबूतों का दावा
ED ने जुलाई 2024 में ट्रायल कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ सातवीं चार्जशीट दायर की थी। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। इसके बाद केजरीवाल ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जहां से उन्हें राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पब्लिक सर्वेंट पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की अनुमति अनिवार्य है।

शराब नीति घोटाला: केजरीवाल की 156 दिन की जेल यात्रा
केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेजा गया। वह कुल 156 दिन जेल में बिता चुके हैं। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी।

राजनीतिक प्रभाव
यह फैसला विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आया है। 5 फरवरी को चुनाव और 8 फरवरी को नतीजे घोषित होने हैं। ऐसे में इस केस का दिल्ली की राजनीति पर गहरा असर पड़ने की संभावना है।

क्या यह कदम निष्पक्ष जांच है या राजनीतिक चाल? आने वाले समय में तस्वीर साफ होगी।