चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
(New 2000-Bed Hospital Approved in Sarangpur) चंडीगढ़ प्रशासन ने सारंगपुर में 2000 बिस्तरों वाले आधुनिक अस्पताल के निर्माण की मंजूरी दे दी है। हालांकि, मौजूदा सेक्टर 48 अस्पताल समेत शहर के कई अस्पताल स्टाफ की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। सेक्टर 48 का 100 बिस्तरों वाला अस्पताल वर्तमान में जीएमसीएच-32 से उधार लिए गए कर्मचारियों के सहारे चल रहा है।
यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने सारंगपुर में अस्पताल की योजना को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में सेक्टर 48 और 53 में नई स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा की गई।
➡️ गोलीबारी के बाद काबू आये गुर्गे। इस Line को क्लिक कर Video देखें
यूटी प्रशासन ने हाल ही में जीएमसीएच-32 के लिए 74 पद स्वीकृत किए हैं, लेकिन सेक्टर 48 अस्पताल में अभी भी मेडिकल प्रैक्टिशनर और सहायक कर्मियों समेत 245 पदों की आवश्यकता है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट प्रो. सुधीर गर्ग ने बताया कि, स्टाफ बढ़ने पर ओपीडी का समय बढ़ाने के साथ-साथ अन्य विभागों की ओपीडी सेवाएं भी शुरू की जा सकती हैं। फिलहाल, सेक्टर 48 में उपलब्ध जनशक्ति रोटेशन के आधार पर जीएमसीएच-32 से दी जाती है।
सेक्टर 48 का यह अस्पताल सेक्टर 45, 46, 47, 49, 50, 51, जगतपुरा, फैदान, रामदरबार और मोहाली के निवासियों के लिए सेवाएं प्रदान करता है। 2018 में 28 करोड़ रुपये की लागत से 1.73 एकड़ भूमि पर बने इस अस्पताल में जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक्स और ऑर्थोपेडिक्स जैसी ओपीडी सेवाएं संचालित हो रही हैं।
सारंगपुर में 50.76 एकड़ भूमि पर पीजीआई का सैटेलाइट सेंटर बनेगा, जिसमें सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक और एमबीबीएस कॉलेज भी शामिल होंगे। इसके साथ ही स्क्रीनिंग ओपीडी की भी सुविधा होगी।
स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए प्रशासन को नए पद सृजित करने और भर्ती प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता है। जीएमसीएच-32 के निदेशक प्रिंसिपल डॉ. एके अत्री ने कहा कि सेक्टर 48 अस्पताल में फैकल्टी और सीनियर रेजीडेंट की संख्या बढ़ाने के बाद टीबी और श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए पूर्ण विभाग स्थापित किया जाएगा। जनशक्ति बढ़ने पर ही ओपीडी सेवाओं का विस्तार किया जा सकेगा।