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चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित
दिल्ली पहुंचे रवनीत सिंह बिट्टू ने रविवार को ‘द टारगेट न्यूज’ से मोबाइल पर खास बात करते कहा है कि मोदी सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद वह पंजाब और नई दिल्ली के बीच पुल का काम करेंगे।
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जिसके सार्थक नतीजे सामने आएंगे। उन्होंने कहा कोई ऐसा मसला नही जिसका हल मिल बैठ कर न किया जा सके।
आज शाम शपथ लेने वाले नए केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने का औपचारिक निमंत्रण मिलने के बाद दिल्ली से फोन पर पत्रकार राजवीर दीक्षित से खास बातचीत में पंजाब के दिवंगत मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत बिट्टू जोशीले अंदाज में दिखे, उन्होंने कहा कि लुधियाना से चुनाव हारने के बाद उन्हें इस तरह के कॉल की उम्मीद नहीं थी।
बिट्टू ने कहा, “आज सुबह मुझे एक कॉल आया, जिसके बाद मैं प्रधानमंत्री के आवास पर पहुंचा, जहां मुझे बताया गया कि मैं मोदी 3.0 कैबिनेट का हिस्सा बनूंगा।” इससे पहले रवनीत बिट्टू दिल्ली की सड़कों के जाम में फंस गए। जिसके बाद उन्होंने अपनी गाड़ियों का काफिला छोड़ पैदल ही आयोजन स्थल की रवाना हुए।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट में उनके नामांकन ने बिना किसी संदेह के यह साबित कर दिया है कि पंजाब पर पीएम की प्राथमिकता वाले राज्यों में सबसे ऊपर स्थान है।
उन्होंने कहा, “राज्य में सभी 13 सीटें हारने के बाद भी बीजेपी को कैबिनेट में जगह मिलना मोदी का पंजाब को जबरदस्त तोहफा है।” 48 वर्षीय बिट्टू ने कहा कि वह पंजाब और केंद्र के बीच पुल का काम करेंगे, ताकि सभी मुद्दों को सुलझाया जा सके, जिसमे खास तौर पर किसानों से जुड़े मुद्दों को सुलझाया जाएगा।
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किसानों के विरोध को मुख्य मुद्दों में से एक बताते हुए कांग्रेस से भाजपा में आए बिट्टू ने कहा कि वह किसान नेताओं से बात करेंगे और उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के पास ले जाएंगे, ताकि उनकी सभी जायज मांगों को पूरा किया जा सके और इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकाला जा सके। उन्होंने यह भी कहा कोई ऐसी समस्या नही जिसका हल मिल बैठ कर न सुलझाया जा सके। उन्होंने कहा वह यकीन दिलवाते है कि उनकी कोशिश को देश-दुनिया देखेगी।
उन्होंने कहा कि नई मोदी सरकार के तहत पंजाब सबसे ज्यादा लाभान्वित होने वाले राज्यों में से एक होगा।
बिट्टू ने कहा, “मैं पंजाब की सभी मांगों और मुद्दों को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाऊंगा और जल्द से जल्द उनका समाधान करवाऊंगा।”
उन्होंने कहा कि प्रमुख बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाएं लाना और कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग और ‘बिगड़ती’ कानून व्यवस्था की स्थिति पर मुख्य जोर देना उनके एजेंडे में सबसे ऊपर होगा।
2014 में कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी द्वारा उन्हें मुख्यधारा की राजनीति में लाने के बाद से लगातार तीन लोकसभा चुनाव जीतने वाले बिट्टू लुधियाना से अपने दोस्त से दुश्मन बने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग से इस दफा 20,000 से अधिक मतों से हार गए है।
पहले ‘राहुल के सिपाही’ के नाम से मशहूर बिट्टू ने इस चुनाव में खुद को ‘मोदी का आदमी’ बताया। लुधियाना में एक चुनावी रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि अगर लुधियाना से बिट्टू फिर से लोकसभा पहुंचे तो वे उन्हें ‘बड़ा आदमी’ बनाएंगे। हालांकि लुधियाना से वे लोकसभा नहीं गए, लेकिन भाजपा उन्हें ‘बड़ा आदमी’ बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।