नंगल । राजवीर दीक्षित
(Murderer Enjoys Booze and Kebabs While Under Arrest!) बड़ी खबर पंजाब के नंगल से आ रही है, जिसने पूरे जिले के प्रशासनिक तंत्र में हलचल मचा दी है। कपूरथला जेल से लाए गए एक हत्या के आरोपी ने नंगल पुलिस स्टेशन में न केवल अपनी गिरफ्तारी के बावजूद मौज-मस्ती की, बल्कि शराब और कबाब का भी आनंद लिया।
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इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली और भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जैसे ही इस सनसनीखेज मामले की जानकारी बाहरी दुनिया तक पहुंची, कुछ पत्रकारों ने इसे उजागर किया और प्रशासन में खलबली मच गई।
पत्रकारों ने खोला मामला, पुलिस प्रशासन में मचा हड़कंप
जानकारी के अनुसार, कुछ पत्रकारों ने जब इस मामले को पुलिस के सामने उठाया, तो पूरे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। स्थानीय पुलिस पर सवाल उठने लगे और इस घटना ने नंगल पुलिस स्टेशन की साख को गहरा आघात पहुंचाया। देर रात मामला डीआईजी रूपनगर रेंज नीलांबरी जगदले (आईपीएस) और एसएसपी रूपनगर गुलनीत सिंह खुराना (आईपीएस) तक पहुंच गया। इस घटना से नंगल पुलिस की कार्यप्रणाली और उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खुल गई।
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आरोपी का देर रात मेडिकल, सवालों के घेरे में पुलिस का रवैया
मामले की गंभीरता को देखते हुए, रात करीब डेढ़ बजे हत्या आरोपी का मेडिकल परीक्षण नंगल के सिविल अस्पताल में करवाया गया। डीएसपी कुलबीर सिंह संधू ने मामले की स्थिति का जायजा लिया और स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत मेडिकल करवाने का निर्देश दिया। उन्होंने उच्च अधिकारियों तक सारी रिपोर्ट को पहुंचाया। दूसरी तरफ, नंगल थाने के प्रभारी राहुल शर्मा की ओर से आरोपी का मेडिकल न करवाने की जिद्द देखने को मिली। उनका रवैया संदिग्ध था और वे किसी भी तरह से आरोपी का मेडिकल नहीं करवाना चाहते थे, जिससे यह मामला और भी गहराता गया।
शराब और कबाब का पूरा इंतजाम, पुलिस पर उठे गंभीर सवाल
मेडिकल प्रक्रिया के दौरान, आरोपी से खून का सैंपल लिया गया ताकि उसके शरीर में शराब की मात्रा की जांच हो सके। सिविल अस्पताल के डॉक्टर परम प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने कभी किसी सैंपल की रिपोर्ट को सफल होते नहीं देखा है।
यह सेंपल खरड़ की लैब में भेजे जाते है। उन्होंने कहा इसका मुख्य कारण यह है कि पुलिस खुद ही सैंपल लेती है और खुद ही उसकी जांच कराती है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और यह संदेह पैदा करती है कि पुलिस आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है।
पुलिस की लापरवाही और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद डीएसपी कुलबीर सिंह संधू ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी इस कृत्य में शामिल होगा, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोपियों को कानून से बचाने के लिए किस तरह से पुलिस और राजनीतिक हस्तक्षेप का सहारा लिया जा रहा है, यह घटना उसी का एक उदाहरण है।
नंगल पुलिस स्टेशन में हत्या आरोपी की इस शराब और कबाब पार्टी ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि कानून का राज केवल किताबों में सीमित रह गया है और जमीनी स्तर पर पुलिस की कार्यप्रणाली में कई खामियां हैं।
‘द टारगेट न्यूज’ का वादा: जल्द आएगा खास वीडियो और रिपोर्ट
इस घटना के बाद ‘द टारगेट न्यूज’ ने दावा किया है कि जल्द ही उनके सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक खास वीडियो जारी किया जाएगा, जिसमें यह दिखाया जाएगा कि किस तरह से इस हत्यारोपी को बचाने की कोशिशें की गईं और कैसे सरकार और विपक्ष दोनों ने मिलकर इस खबर को दबाने का प्रयास किया।
थानाप्रभारी के व्यवहार पर उठे सवाल, डीएसपी ने लिया एक्शन
मामले की गंभीरता और नंगल पुलिस स्टेशन के प्रभारी राहुल शर्मा के व्यवहार को देखते हुए, डीएसपी कुलबीर सिंह संधू ने नंगल पुलिस स्टेशन में खुद पहुंचकर स्थिति को संभाला है। उन्होंने तुरंत आरोपी का मेडिकल करवाने का निर्णय लिया और यह सुनिश्चित किया कि इस मामले में कोई भी गड़बड़ी नहीं हो।
डीएसपी का कहना था कि यदि कोई पुलिसकर्मी आरोपी को बचाने की कोशिश करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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एसएचओ राहुल शर्मा का रवैया इस पूरे मामले में संदिग्ध रहा और उन्होंने किसी भी सूरत में आरोपी का मेडिकल नहीं करवाने की कोशिश की। यह घटना बताती है कि पुलिस प्रशासन में अब भी कई जगहों पर सुधार की जरूरत है और इसमें पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
जिला प्रशासन में हड़कंप, डीआईजी और एसएसपी तक पहुंची बात
घटना की जानकारी जैसे ही डीआईजी नीलांबरी जगदले और एसएसपी रूपनगर गुलनीत सिंह खुराना तक पहुंची, जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। उच्च अधिकारियों ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया और मामले की जांच के निर्देश दिए है।
मामले की तह तक जाने के लिए एक जांच कमेटी गठित की गई है, जो यह पता लगाएगी कि हत्या आरोपी को पुलिस स्टेशन में शराब और कबाब जैसी सुविधाएं कैसे मिलीं और किसकी मिलीभगत से यह सब हुआ।
आरोपी के बचाव में सरकार और विपक्ष की भूमिका
इस मामले ने न सिर्फ नंगल पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राजनीतिक हस्तक्षेप की भी पोल खोल दी है।
पत्रकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और भी खुलासे होंगे और कुछ ऐसे तथ्य सामने आएंगे, जिन्हें देखकर जनता हैरान रह जाएगी। आरोपी को बचाने के लिए किस तरह से राजनीतिक दबाव डाला गया, इसकी पूरी जानकारी जल्द ही ‘द टारगेट न्यूज’ के माध्यम से जनता के सामने लाई जाएगी।
घटना के बाद के सवाल
इस पूरे घटनाक्रम के बाद कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े होते हैं:
1. पुलिस की भूमिका: नंगल पुलिस ने आरोपी को पुलिस स्टेशन में शराब और कबाब की सुविधा कैसे दी? क्या इसमें किसी अधिकारी की मिलीभगत है?
2. मेडिकल परीक्षण में देरी क्यों? नंगल के थानाप्रभारी ने आरोपी का मेडिकल क्यों नहीं करवाना चाहा? क्या इसके पीछे कोई साजिश थी ?
3. राजनीतिक हस्तक्षेप: इस घटना को दबाने के लिए क्या सरकार और विपक्ष दोनों ने मिलकर कोई प्रयास किया ?
4. भ्रष्टाचार का सवाल: आरोपी को बचाने के लिए नंगल पुलिस प्रशासन में किस स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ और इसमें कौन-कौन से अधिकारी शामिल थे ?
नंगल पुलिस स्टेशन में हुई यह घटना नंगल पुलिस की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़े करती है। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के प्रति पुलिस की गंभीरता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि इसमें व्याप्त भ्रष्टाचार को भी उजागर करती है।
इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही, राजनीतिक हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार की परतें जल्द ही ‘द टारगेट न्यूज’ के माध्यम से जनता के सामने खुलेंगी।
आने वाले दिनों में इस घटना से जुड़े और भी कई रहस्यों का पर्दाफाश होगा, जिससे पता चलेगा कि कानून का मजाक किस तरह से बनाया जा रहा है और आरोपी किस तरह से बच निकलने में कामयाब हो रहे हैं।