सावधान जाने क्या क्या होगा महंगा: डॉलर के मुकाबले रुपये की ऐतिहासिक गिरावट, महंगाई और आर्थिक दबाव बढ़ने की आशंका

चंडीगढ़ । राजवीर दीक्षित

(Rupee Hits Rock Bottom: Economic Turmoil Looms as Currency Plummets to 86.31!) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर 86.31 पर पहुंच गया है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है। इस गिरावट से सरकार और आम आदमी दोनों के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। रुपये की कमजोरी से आयात महंगा होगा, जिससे महंगाई और खर्च बढ़ने की आशंका है।

महंगाई की मार:

1. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल: भारत 80% से अधिक कच्चा तेल आयात करता है। रुपये की गिरावट से पेट्रोल-डीजल महंगे हो सकते हैं, जिससे परिवहन और माल ढुलाई की लागत बढ़ेगी।

➡️ पत्नी को गैर मर्द के साथ देख कर कार के बोनट पर चढ़ा यह युवक, ड्राइवर कई किलोमीटर तक कार को भगाता रहा। मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद का है।

2. दालें और खाद्य तेल: भारत खाद्य तेल और दालों का भी बड़ा आयातक है। रुपये के कमजोर होने से इन जरूरी वस्तुओं की कीमतें घरेलू बाजार में बढ़ सकती हैं।

शिक्षा और विदेश यात्रा पर असर:

1. विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ेंगे, जिससे उनकी पढ़ाई और रहने के खर्च में वृद्धि होगी।

2. विदेशी यात्रा भी महंगी हो जाएगी, जिससे आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

➡️ Video: CCTV में कैद हुई इस घटना को लेकर आप क्या कहना चाहते है।

आर्थिक दबाव और राहत के पहलू:

इस स्थिति से जहां महंगाई बढ़ने की संभावना है, वहीं निर्यातकों को फायदा हो सकता है क्योंकि उनके उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे।

आरबीआई की भूमिका:

इस आर्थिक दबाव को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही हस्तक्षेप कर सकता है। सरकार और आम जनता के लिए यह गिरावट चिंता का विषय बनी हुई है।

आने वाले समय में यह देखना होगा कि सरकार और आरबीआई इस चुनौती से निपटने के लिए क्या कदम उठाते हैं।