हिमाचल की बर्फबारी: एक सफेद सपना और पर्यटकों की मुश्किलें

शिमला । राजवीर दीक्षित

(Winter Wonderland or Winter Woes? Himachal Pradesh’s Christmas Dilemma Unfolds) क्रिसमस का त्योहार जहां एक ओर खुशियों और उल्लास का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हुई जोरदार बर्फबारी ने इस खुशी को एक नई चुनौती में बदल दिया है। कुफरी, नारकंडा, डलहौजी सहित विभिन्न क्षेत्रों में बर्फ की सफेद चादर ने पूरे नजारों को लुभावना बना दिया है, लेकिन साथ ही, यह पर्यटकों के लिए एक मुश्किल भरी परिस्थितियों का सामना करने का कारण भी बन गई है।

राजधानी शिमला, कुल्लू, मंडी, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई है। इसके चलते तीन हाईवे और 223 सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शिमला और मनाली पहुंचने वाले पर्यटक उम्मीद कर रहे थे कि वे व्हाइट क्रिसमस का आनंद ले सकेंगे, लेकिन कई घंटों की मशक्कत के बाद लाहौल के सिसू और कोकसर से लेकर अटल टनल रोहतांग तक फंसे 8500 और कुफरी में 1500 पर्यटकों को रेस्क्यू करना पड़ा।

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इस कठिनाई के बीच, रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार रातभर चलाया गया, जिसमें करीब 10,000 पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए साहसिक प्रयास किए गए। अधिकारियों ने बताया कि बर्फबारी के चलते 356 ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं, जिससे कई इलाकों में ब्लैकआउट हो गया है।

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श्रीनगर में भी सर्दी ने अपनी पकड़ मजबूत की है, जहां डल झील का एक बड़ा हिस्सा जमी हुई स्थिति में है। इसकी सतह पर बर्फ का जमाव पारंपरिक शिकारे और हाउसबोटों को ठंड की चादर से ढकने का काम कर रहा है।

इन हालातों के बावजूद, हिमाचल प्रदेश की बर्फबारी ने पर्यटन प्रेमियों को आकर्षित किया है। लेकिन, यह आवश्यक है कि सभी पर्यटक स्थानीय प्रशासन की सलाह मानें और सुरक्षित रहकर ही इस सुंदर सफेद जादू का आनंद लें।